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Why are Indian millionaires leaving the country? दुबई बना पहली पसंद – एक गहरी पड़ताल

क्यों छोड़ रहे हैं भारतीय करोड़पति देश? दुबई बना पहली पसंद – एक गहरी पड़ताल

Indian millionaires leaving the country
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🔰 परिचय: जब करोड़पति भी छोड़ने लगे देश...(When even millionaires started leaving the country)

2024 में एक चौंकाने वाला ट्रेंड सामने आया—भारत के करीब 4300 करोड़पतियों ने देश को अलविदा कह दिया। यह सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि एक सोच का आईना है। जब देश के सबसे अमीर और सफल लोग अपनी जड़ें छोड़कर विदेशों का रुख करते हैं, तो यह केवल टैक्स बचाने की होड़ नहीं, बल्कि भरोसे और व्यवस्था पर सवाल भी उठाता है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से अधिकांश लोगों ने दुबई को अपना नया ठिकाना चुना। आखिर ऐसा क्या है दुबई में, जो भारत के करोड़पतियों के लिए इतनी बड़ी आकर्षण का केंद्र बन गया है? क्या सिर्फ टैक्स फ्री माहौल ही कारण है या इसके पीछे और भी कई गहरे कारण छुपे हैं?

इस लेख में हम जानेंगे:

  • क्या सच में भारत अमीरों के लिए कठिन बनता जा रहा है?

  • दुबई क्यों बन रहा है उनकी पहली पसंद?

  • और सबसे अहम — इस ट्रेंड का भारत की अर्थव्यवस्था और भविष्य पर क्या असर पड़ सकता है?

आइए, इस विषय को तथ्यों, विशेषज्ञों की राय और वैश्विक नीतियों के ज़रिए विस्तार से समझते हैं।


📊 आंकड़ों की सच्चाई: भारत से 4300 करोड़पति क्यों हुए रवाना?(The truth of statistics: Why did 4300 millionaires leave India?)

Henley Private Wealth Migration Report 2024

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Henley & Partners द्वारा जारी “Henley Private Wealth Migration Report 2024” के अनुसार, भारत से लगभग 4300 हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) ने 2024 में देश छोड़ दिया।

👉 यह आंकड़ा भारत को दुनिया में तीसरे स्थान पर लाकर खड़ा करता है, उन देशों की सूची में जहां से सबसे ज़्यादा अमीर लोग पलायन कर रहे हैं।

🔎 ये "HNIs" कौन होते हैं?

हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स वे लोग होते हैं जिनके पास $1 मिलियन (लगभग ₹8.3 करोड़) या उससे अधिक की निवेश योग्य संपत्ति होती है।

🌐 HNIs पलायन के टॉप 5 देश (2024):

रैंक

देश

बाहर गए करोड़पति

1

चीन

15,200

2

UK

4,200

3

भारत

4,300

4

रूस

3,000

5

ब्राजील

1,200

(Source: Henley Global – 2024 Wealth Migration Report)

📈 पिछले वर्षों से तुलना:

·         2014 में भारत से सिर्फ ~2000 HNIs बाहर गए थे।

·         2024 में यह संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई है, जो दर्शाता है कि यह कोई इत्तेफाक नहीं, बल्कि लगातार बढ़ता ट्रेंड है।

भारत क्यों चिंतित हो?

·         देश की अर्थव्यवस्था को टैक्स लॉस, इन्वेस्टमेंट ड्रेन, और नीतिगत दबाव का सामना करना पड़ता है।

·         यह न सिर्फ पूंजी का पलायन है, बल्कि प्रतिभा और उद्यमिता का भी नुकसान है।


UAE दुबई क्यों बना पहली पसंद?(Why did Dubai become the first choice?)

दुबई क्यों बना पहली पसंद
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जब बात करोड़पतियों की होती है, तो वे सिर्फ पैसा नहीं देखते — वे सिस्टम, सुरक्षा, सुविधाएं और सम्मान भी देखते हैं। 2024 में भारत छोड़ने वाले हज़ारों अमीरों ने जब अपनी अगली मंज़िल चुनी, तो दुबई (UAE) सबसे ऊपर रहा। ऐसा क्यों?

नीचे जानते हैं दुबई को "HNIs का स्वर्ग" बनाने वाले 5 बड़े कारण:

 

1️ 💰 टैक्स फ्री ज़ोन – No Income Tax

दुबई में:

·         कोई इनकम टैक्स नहीं

·         कोई कैपिटल गेंस टैक्स नहीं

·         कोई इनहेरिटेंस टैक्स नहीं

👉 करोड़पति वर्ग को इससे बड़ी बचत होती है और वे अपनी संपत्ति को बिना किसी कटौती के आगे बढ़ा सकते हैं।

 

2️ 🧾 आसान कानूनी प्रक्रियाएं

·         दुबई में व्यापार, संपत्ति खरीद, वीज़ा आदि की प्रक्रियाएं बेहद तेज़ और सरल हैं।

·         कोई ब्यूरोक्रेसी का चक्कर नहीं और न ही फ़ालतू कागज़ी काम।

🔎 उदाहरण: एक नया कंपनी रजिस्ट्रेशन सिर्फ 48 घंटे में हो सकता है।

 

3️ 🏙हाई-स्टैंडर्ड लाइफस्टाइल और सुरक्षा

·         Top-class health care, education, housing और leisure सुविधाएं।

·         दुबई दुनिया के सबसे सुरक्षित शहरों में गिना जाता है, खासकर परिवारों के लिए।

🛡️ 24x7 surveillance और कड़े कानून इसे विशेष बनाते हैं।

 

4️ 🌐 ग्लोबल कनेक्टिविटी और बिज़नेस हब

·         दुबई को "Gateway to the World" कहा जाता है — अफ्रीका, एशिया और यूरोप के बीच।

·         यहां से 212 देशों से लोग रहते हैं और काम करते हैं।

·         Fortune 500 कंपनियों के हेडक्वार्टर्स और नेटवर्क यहां मौजूद हैं।

 

5️ 🏠 Real Estate और Golden Visa जैसे आकर्षण

·         Real estate में निवेश पर 10 साल तक का Golden Visa

·         100% foreign ownership allowed

·         Luxury property options (Palm Jumeirah, Downtown Dubai)

 

नतीजा:

दुबई सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि एक dream destination बन गया है उन लोगों के लिए जो संपत्ति बचाना, सुविधा पाना और सुरक्षित भविष्य बनाना चाहते हैं।


📉 भारत के लिए इसके क्या मायने हैं? (Impact on India)

India left empty after migration
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जब देश के करोड़पति लोग बाहर बसने लगते हैं, तो यह सिर्फ व्यक्तिगत फैसला नहीं होता — यह पूरे देश की अर्थव्यवस्था, नीति और प्रतिष्ठा पर असर डालता है। 2024 में भारत से 4300 करोड़पतियों का बाहर जाना कई गंभीर संकेत देता है:

 

1️ 💸 टैक्स रिवेन्यू में भारी नुकसान

·         HNIs देश की कुल आयकर का बड़ा हिस्सा देते हैं।

·         जब ये लोग टैक्स-फ्री देशों में चले जाते हैं, तो भारत को करोड़ों का नुकसान होता है।

🔎 जैसे – एक ₹100 करोड़ की सालाना आय वाला व्यक्ति देश में ₹30 करोड़ टैक्स देता, लेकिन अब वह राशि भारत को नहीं मिलेगी।

 

2️ 💼 इन्वेस्टमेंट और बिज़नेस का पलायन

·         बहुत से करोड़पति सिर्फ अपनी संपत्ति नहीं, बल्कि अपने स्टार्टअप्स, निवेश और बिज़नेस भी साथ ले जाते हैं।

·         इससे भारत में संभावित नौकरियों और आर्थिक विकास पर असर पड़ता है।

 

3️ 🧠 ब्रेन ड्रेन के साथ वेल्थ ड्रेन

·         पहले सिर्फ इंजीनियर्स, डॉक्टर्स या स्टूडेंट्स पलायन करते थे, अब धन और उद्यमिता भी देश से जा रही है।

·         ये लोग वैश्विक स्तर पर पहचान बनाते हैं, लेकिन भारत को उस सफलता में हिस्सा नहीं मिल पाता।

 

4️ नीति और व्यवस्था पर अविश्वास का संकेत

·         टैक्स, नौकरशाही, कानूनी उलझनों या नीति की अस्थिरता से तंग आकर लोग बाहर जाते हैं।

·         इससे सरकार की छवि पर भी असर पड़ता है कि शायद अमीरों को यहां सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

 

5️ 🌐 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि पर असर

·         जब विदेशी रिपोर्ट्स में दिखाया जाता है कि भारत से सबसे ज़्यादा अमीर लोग पलायन कर रहे हैं, तो यह संकेत देता है कि कुछ तो गंभीर कमी है।

 

🔚 नतीजा:

यह सिर्फ अमीरों के भागने की कहानी नहीं है, यह एक राष्ट्रीय चेतावनी है कि भारत को अपनी नीतियों, टैक्स सिस्टम और बिज़नेस फ्रेंडली माहौल को और बेहतर बनाने की ज़रूरत है।


🔍 क्या केवल टैक्स ही वजह है? (Beyond Taxes – What Else?)

Beyond Taxes – What Else
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जब बात भारत से करोड़पतियों के पलायन की होती है, तो आमतौर पर पहला कारण "टैक्स" माना जाता है। लेकिन अगर हम गहराई से देखें, तो सिर्फ टैक्स बचाना ही वजह नहीं है। इसके पीछे कुछ और भी ज़रूरी और चिंताजनक कारण हैं:

 

1️ 🧾 जटिल टैक्स सिस्टम और बढ़ती जांच

·         भारत में टैक्स कानून बहुत जटिल हैं।

·         टैक्सपेयर्स को अकसर बार-बार नोटिस, जांच, और ब्योरे भरने की नौबत आती है।

·         बहुत से अमीर लोग इसे "constant harassment" की तरह देखते हैं।

 

2️ 🏛नौकरशाही और कानूनी उलझनें

·         बिज़नेस शुरू करने, चलाने और बंद करने में अनगिनत परमिशन और कागजी कार्रवाई लगती है।

·         कई अमीर उद्यमियों ने कहा है कि उन्हें "red-tapism" से ज़्यादा परेशानी होती है, न कि टैक्स से।

 

3️ नीतिगत अस्थिरता और डर का माहौल

·         कभी भी टैक्स स्लैब बदल जाना, अचानक कोई नई स्कीम लागू हो जाना — इससे अस्थिरता बनी रहती है।

·         कई लोग मानते हैं कि भारत में "predictable policy environment" की कमी है।

 

4️ 🛡निजी सुरक्षा और पारिवारिक जीवन

·         कई HNIs अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं, खासकर बड़े शहरों में।

·         बेहतर स्कूल, हेल्थकेयर और सुरक्षित माहौल के लिए वे दुबई, सिंगापुर या यूरोप की ओर रुख करते हैं।

 

5️ 🌍 ग्लोबल exposure और लाइफस्टाइल

·         आज के करोड़पति सिर्फ टैक्स या संपत्ति तक सीमित नहीं हैं — वे चाहते हैं:

o    वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर

o    इंटरनेशनल नेटवर्किंग

o    सुरक्षित और ग्लैमरस लाइफस्टाइल

 

🧠 निष्कर्ष:

करोड़पति सिर्फ "टैक्स बचाने" के लिए नहीं जा रहे — वे एक ऐसे सिस्टम की तलाश में हैं जहाँ उन्हें सम्मान, स्थायित्व और अवसर मिले। अगर भारत को अपने टैलेंट और संपत्ति को बनाए रखना है, तो इसे केवल टैक्स छूट से नहीं, बल्कि पूरा इको-सिस्टम सुधारना होगा।


🌍 अन्य देश जहाँ भारतीय अमीर जा रहे हैं।(Other countries where rich Indians are going.)

Other countries where rich Indians are going.

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हालांकि दुबई इस समय भारतीय करोड़पतियों की पहली पसंद है, लेकिन यह एकमात्र विकल्प नहीं है। हर साल हज़ारों HNIs (High Net-worth Individuals) यूएई के अलावा कई अन्य देशों में भी जा रहे हैं — हर देश के पीछे एक अलग वजह है।

 

🇸🇬 1. सिंगापुर – सुरक्षा, टैक्स और स्थिरता का संतुलन

·         सरल टैक्स सिस्टम और सख्त कानून व्यवस्था

·         Southeast Asia के बीच एक आर्थिक हब

·         बेहतर एजुकेशन और हेल्थकेयर

🔎 सिंगापुर उन लोगों के लिए आदर्श है जो व्यवसाय और परिवार दोनों को संतुलित रखना चाहते हैं।

 

🇺🇸 2. अमेरिका – अवसरों की भूमि

·         बड़े बाजार, टेक्नोलॉजी हब, और उद्यमिता के लिए प्रसिद्ध

·         EB-5 इन्वेस्टमेंट वीज़ा जैसे रास्तों से HNIs को नागरिकता का अवसर

·         Indian-American community का मजबूत नेटवर्क

⚠️ हालाँकि टैक्स अधिक हैं, पर opportunities और प्रतिष्ठा ज़्यादा मिलती है।

 

🇦🇺 3. ऑस्ट्रेलिया – जीवनशैली और स्थायित्व

·         कम जनसंख्या, साफ-सुथरे शहर, और सुरक्षित वातावरण

·         High-quality healthcare और affordable education

·         Investors और बिज़नेस वीज़ा के लिए नीति सरल

📌 करोड़पति जो "सुखी और सादा जीवन" पसंद करते हैं, ऑस्ट्रेलिया चुनते हैं।

 

🇨🇦 4. कनाडा – फैमिली फ्रेंडली और इमिग्रेशन फ्रेंडली

·         Political और social स्थिरता

·         Strong public services (health, education)

·         भारत से cultural संबंध और बड़ा Indian diaspora

🧒 HNIs जो अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य चाहते हैं, वे अक्सर कनाडा को चुनते हैं।

 

🇬🇧 5. यूनाइटेड किंगडम – ग्लोबल स्टेटस

·         पुरानी बिज़नेस संस्कृति और कानूनी संरचना

·         यूके में high-end education और wealth management सिस्टम

·         Although टैक्स उच्च हैं, लेकिन स्टेटस और legacy मजबूत है

 

📈 ट्रेंड की बात करें तो:

देश

आकर्षण का कारण

दुबई (UAE)

टैक्स फ्री और लग्ज़री लाइफस्टाइल

सिंगापुर

स्थिरता और सुरक्षा

अमेरिका

ग्लोबल अवसर और टेक हब

ऑस्ट्रेलिया

शांतिपूर्ण जीवन और सरल वीज़ा

कनाडा

फैमिली के लिए बेहतर भविष्य

 

🧠 निष्कर्ष:

हर करोड़पति की ज़रूरतें अलग होती हैं — कोई टैक्स बचाना चाहता है, कोई बच्चों की शिक्षा, तो कोई व्यापार का विस्तार। यही वजह है कि भारत के अमीर लोग सिर्फ एक ही देश में नहीं, बल्कि दुनिया के अलग-अलग कोनों में बस रहे हैं।


🧠 विशेषज्ञों की राय: करोड़पतियों के पलायन पर क्या कहते हैं जानकार?(Experts' opinion: What do experts say about the exodus of millionaires?)

Experts' opinion: What do experts say about the exodus of millionaires?
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भारत से 4300 करोड़पतियों के बाहर जाने का ट्रेंड सिर्फ एक आर्थिक या व्यक्तिगत निर्णय नहीं है — यह एक गहरी सामाजिक, कारोबारी और नीतिगत सोच को दर्शाता है। कई विशेषज्ञों और रिपोर्ट्स ने इस विषय पर अपनी राय दी है:

 

📌 1. Henley & Partners (Global Citizenship Consultants)

"भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, लेकिन भारत के HNIs को लगता है कि उनके निवेश और जीवनशैली को दूसरे देशों में ज्यादा स्थिरता और संरक्षण मिलता है।"
Henley Private Wealth Migration Report 2024

📊 यह रिपोर्ट साल दर साल दिखा रही है कि भारत सबसे ज्यादा करोड़पति खोने वाले देशों में बना हुआ है।

 

📌 2. Andrew Amoils – Head of Research, New World Wealth

"भारतीय HNIs उच्च टैक्स दर, जटिल रेगुलेशन, और सुरक्षा को लेकर चिंता के कारण बाहर जा रहे हैं। वे अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देना चाहते हैं।"

💬 उनका मानना है कि दुबई और सिंगापुर जैसे देशों में यह सब कुछ उन्हें ज्यादा आसानी से मिल जाता है।

 

📌 3. Indian Wealth Advisors (LiveMint, 2024)

"HNIs की सबसे बड़ी चिंता अब संपत्ति को बनाए रखना है, न कि सिर्फ उसे बढ़ाना। भारत में टैक्सेशन और जांच प्रणाली से वे असहज महसूस करते हैं।"

🔎 कई भारत आधारित निवेश सलाहकार मानते हैं कि अमीरों को "दुश्मन की तरह" ट्रीट किया जाता है, जिससे वे देश छोड़ने का मन बना लेते हैं।

 

📌 4. Karan Batra (Chartered Accountant, India)

"भारत को यह समझना होगा कि सिर्फ अमीरों से टैक्स वसूलना काफी नहीं है — उन्हें देश में बनाए रखने के लिए सुविधाएं, सुरक्षा और स्थिर नीतियां भी देनी होंगी।"

🧾 उनका सुझाव है कि टैक्स सिस्टम को "सिंपल, स्टेबल और सम्मानजनक" बनाया जाए।

 

🎯 निष्कर्ष:

विशेषज्ञों की राय एक जैसे संकेत देती है — भारत में करोड़पतियों को:

·         भरोसेमंद नीतियां,

·         सरल कानूनी ढांचा,

·         और जीवन की सुरक्षा चाहिए।

अगर ये बुनियादी ज़रूरतें पूरी नहीं होंगी, तो HNIs अपना भविष्य कहीं और ढूंढ़ेंगे।


🛠समाधान और सुझाव: भारत कैसे रोके अमीरों का पलायन?(Solutions and suggestions: How can India stop the exodus of the rich?)

Solutions and suggestions: How can India stop the exodus of the rich?
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जब कोई गरीब देश छोड़ता है, तो उसे मजबूरी कहते हैं। लेकिन जब अमीर छोड़ते हैं, तो यह सवाल बन जाता है: क्यों?”
भारत के लिए यह सिर्फ एक आर्थिक चुनौती नहीं, बल्कि नीतियों, छवि और भरोसे की परीक्षा भी है।

आइए देखें भारत के सामने कौन-कौन से उपाय हैं:

 

1️ 🔁 टैक्स सिस्टम को सरल और स्थिर बनाना

·         टैक्स रेट्स को पारदर्शी और प्रेडिक्टेबल बनाया जाए।

·         बार-बार के रूल चेंज से अस्थिरता की भावना दूर हो।

·         "Ease of Compliance" को बेहतर किया जाए।

📌 Tax नहीं, Tax के डर का माहौल हटाना जरूरी है।

 

2️ कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं आसान करना

·         बिज़नेस, निवेश, और संपत्ति ट्रांसफर में कम कागज़ी कार्यवाही हो।

·         Technology-based solutions से नौकरशाही में पारदर्शिता लाई जाए।

·         इंस्पेक्टर राज और रेड कल्चर को खत्म करने की ज़रूरत है।

 

3️ 🛡सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देना

·         बड़े शहरों में कानून व्यवस्था को मजबूत करें।

·         महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के साथ-साथ हाई-स्टैंडर्ड सुविधाएं भी दें।

·         हेल्थ, एजुकेशन और पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्वस्तरीय बनाना होगा।

 

4️ 🌍 Global Investment Ambience तैयार करना

·         विदेशी निवेशकों की तरह ही घरेलू करोड़पतियों को भी सम्मान और अवसर दिए जाएं।

·         Wealth creators को Chor” नहीं, “Contributor” समझा जाए।

💬 "Wealth leaves when it is insulted. It stays where it is celebrated."

 

5️ 🧠 ‘HNIs Retention Policy’ लाना

·         जैसे Brain Drain रोकने के लिए Scholarships और Research Grants लाए जाते हैं,
वैसे ही Wealth Drain रोकने के लिए:

o    Golden Residency Program

o    Tax Incentive Schemes

o    Premium Services for HNIs जैसे मॉडल लाने होंगे।

 

🧭 अंतिम सुझाव:

सरकार को ये समझना होगा कि करोड़पति सिर्फ पैसों के ढेर पर नहीं बैठते — वे नौकरियां बनाते हैं, विकास लाते हैं, और विश्व में भारत की पहचान बढ़ाते हैं
यदि भारत अपने अमीरों को सम्मान, सरलता और स्थायित्व नहीं देगा, तो "विकास" सिर्फ कागज़ पर रह जाएगा।


🔚 निष्कर्ष: यह सिर्फ करोड़पतियों की कहानी नहीं, पूरे भारत की चेतावनी है(Conclusion: This is not just a story of millionaires, it is a warning for the whole of India)

Conclusion: This is not just a story of millionaires, it is a warning for the whole of India
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जब 4300 से अधिक करोड़पति एक ही वर्ष में देश छोड़ देते हैं, तो यह आंकड़ा केवल अमीरों की निजी पसंद का मामला नहीं रह जाता — यह एक नीतिगत और राष्ट्रीय चेतावनी बन जाता है।

भारत आज दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हमारे पास युवा जनसंख्या, विशाल बाजार, और अपार संभावनाएं हैं। फिर भी, अगर देश के सबसे संसाधन-संपन्न नागरिक बाहर जाने का फैसला कर रहे हैं, तो इसका मतलब साफ है — कहीं कुछ तो गलत है।

यह लेख सिर्फ इस बात पर रोशनी नहीं डालता कि दुबई क्यों आकर्षक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत को क्या-क्या सुधार करने की जरूरत है:

  • आसान और स्थिर टैक्स व्यवस्था

  • निवेशकों के अनुकूल माहौल

  • कानूनी पारदर्शिता

  • और सबसे ज़रूरी — धनवानों को दोष देने की बजाय उन्हें देश का साझेदार समझना

क्योंकि आख़िर में, जब पैसा देश छोड़ता है, तो साथ में जाता है:

  • निवेश का मौका

  • रोजगार की संभावना

  • और दुनिया में भारत की आर्थिक साख

✍️ इसलिए सवाल यह नहीं है कि अमीर क्यों जा रहे हैं, सवाल यह है — भारत उन्हें क्यों रोक नहीं पा रहा?


Top 5 SEO FAQs with Answers:

1. 2024 में सबसे ज़्यादा भारतीय करोड़पति कौन से देश गए?

सबसे ज़्यादा भारतीय HNIs दुबई (UAE) गए, उसके बाद सिंगापुर, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा।

2. दुबई भारतीय अमीरों के लिए क्यों आकर्षक है?

टैक्स फ्री माहौल, गोल्डन वीज़ा, आसान बिज़नेस सेटअप और सुरक्षित जीवनशैली।

3. क्या HNIs का देश छोड़ना भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है?

हां, इससे टैक्स लॉस, इन्वेस्टमेंट ड्रेन और पॉलिसी पर दबाव पड़ता है।

4. क्या भारत सरकार के पास करोड़पति पलायन को रोकने की कोई नीति है?

अभी तक कोई विशेष नीति नहीं है, लेकिन विशेषज्ञ HNI Retention Policy की जरूरत बता रहे हैं।

5. क्या केवल टैक्स ही भारत छोड़ने की वजह है?

नहीं, टैक्स के अलावा सुरक्षा, नीतिगत अस्थिरता, और कानूनी जटिलताएं भी कारण हैं।


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