कर्नल सोफिया कुरैशी: भारतीय सेना की पहली महिला कमांडर जिनसे पूरी दुनिया ने सीखा नेतृत्व
परिचय
भारत की बेटियाँ आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन कुछ नाम ऐसे हैं जो इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाते हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी एक ऐसा ही नाम हैं, जिन्होंने भारतीय सेना में न केवल अपना स्थान बनाया, बल्कि महिलाओं के लिए नए रास्ते भी खोले। उनकी उपलब्धियाँ ना सिर्फ भारत के लिए गर्व का विषय हैं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायक हैं। इस लेख में हम जानेंगे उनके जीवन, संघर्ष, सैन्य सेवा और उन उपलब्धियों के बारे में जो उन्हें एक आदर्श महिला नेता बनाती हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
कर्नल सोफिया
कुरैशी का जन्म वडोदरा, गुजरात में हुआ। उनकी पढ़ाई महाराजा
सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ़ बड़ौदा से हुई,
जहाँ उन्होंने
बायोकैमिस्ट्री में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की। एक सामान्य मध्यवर्गीय परिवार की
बेटी होते हुए भी उन्होंने बड़े सपने देखे और उन्हें पूरा करने के लिए कठिन
परिश्रम किया। उनके दादा भारतीय सेना में कार्यरत थे, जिससे उन्हें सेना में जाने की प्रेरणा मिली।
1999 में उन्होंने शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के तहत सेना में प्रवेश लिया और Corps of Signals में कमीशन प्राप्त किया। यहीं से उनकी वीरता और नेतृत्व का
सफर शुरू हुआ।
सेना में करियर और उपलब्धियाँ
संयुक्त राष्ट्र मिशन (UN Peacekeeping - 2006)
कर्नल सोफिया ने 2006 में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन (Congo) में मिलिट्री ऑब्जर्वर के रूप में सेवा दी। वहां उन्होंने
युद्धविराम की निगरानी की और मानवीय सहायता कार्यों में भी भाग लिया। यह उनके
करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
'एक्सरसाइज़ फोर्स 18' की कमांड (2016)
2016 में कर्नल सोफिया कुरैशी ने इतिहास रच
दिया, जब वे 'Exercise
Force 18' में भारतीय सेना
की टुकड़ी की कमांडर बनीं। यह अब तक का सबसे बड़ा मल्टीनेशनल सैन्य अभ्यास था, जिसमें 18 देशों ने भाग
लिया। वह इस अभ्यास में अकेली महिला कमांडर थीं,
और उनका नेतृत्व
सभी देशों ने सराहा।
ऑपरेशन 'सिंदूर' (2025)
7 मई 2025
को कर्नल सोफिया
ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मिलकर 'ऑपरेशन सिंदूर' की मीडिया ब्रीफिंग की। यह ऑपरेशन पाकिस्तान और
पाक-ऑक्युपाइड कश्मीर में आतंकी ठिकानों के खिलाफ एक निर्णायक सैन्य कार्रवाई थी।
इस ऑपरेशन में उनके रणनीतिक योगदान की व्यापक सराहना हुई।
परिवार और निजी जीवन
कर्नल सोफिया का
विवाह मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुआ है,
जो मेकनाइज़्ड
इन्फैंट्री में कार्यरत हैं। उनका एक बेटा है – समीऱ कुरैशी। परिवार ने हमेशा
उन्हें सहयोग और प्रेरणा दी, जिससे वह पूरी तरह
से अपने कर्तव्यों पर केंद्रित रह सकीं।
सम्मान और पुरस्कार
- ऑपरेशन
पराक्रम में GOC-in-C कमेंडेशन कार्ड
- पूर्वोत्तर
भारत में बाढ़ राहत कार्यों
के लिए SoC-in-C commendation
- UN मिशन (Congo) के लिए कमांडर सराहना
- 2020 में
सुप्रीम
कोर्ट ने उनके योगदान का उल्लेख
किया और
उन्हें महिलाओं को परमानेंट कमीशन देने के निर्णय का प्रेरणास्रोत माना
क्यों हैं वह एक प्रेरणा?
कर्नल सोफिया
कुरैशी सिर्फ एक सैनिक नहीं, बल्कि एक सोच हैं
– कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में नेतृत्व कर सकती हैं। उन्होंने रूढ़िवादिता को
तोड़ा, साहस और बुद्धिमत्ता का परिचय दिया, और देश को दिखाया कि महिलाएं सेना में भी कमांड ले सकती
हैं।
उनका जीवन उन सभी
लड़कियों के लिए संदेश है जो बड़े सपने देखती हैं और उन्हें साकार करना चाहती हैं।
निष्कर्ष
कर्नल सोफिया
कुरैशी का जीवन साहस, संघर्ष और सेवा की मिसाल है। उन्होंने न
केवल भारत की रक्षा की जिम्मेदारी निभाई,
बल्कि एक पीढ़ी को
यह दिखाया कि महिला अधिकारी भी सैन्य रणनीति और नेतृत्व में सर्वोत्तम हो सकती
हैं।
हमें उन पर गर्व
है — और यह उम्मीद भी कि उनकी तरह और बेटियाँ देश का नाम रोशन करती रहेंगी।
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- टीम विद्या दर्पण